कितने सवाले ग़ौर हैं, मैं किस-किस को हल करूँ ? महफ़िल में और लोग हैं, सब हमीं को क्या पता ? आसमां की तन्हाइयां, जो रो रहा है वो... बारिश नहीं, आंसुओं की धार है, ये जमीं को क्या पता ? यूं बारिशों के बाद, नमीं देखने वालों... जो तकलीफ़ सुखन की थी, वो इस नमीं को क्या पता ? महफ़िल में और लोग हैं, सब हमीं को क्या पता? ---//--//--शिवम "मुसाफ़िर" #emotion #बारिश #हम