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जब जब बारिश की बूँदे पत्तियो से गिरती है तेरी आँख

जब जब बारिश की बूँदे 
पत्तियो से गिरती है
तेरी आँखो के आँसू याद आते है
भीग कर हम ,
इनमे अक्सर सब भूल जाते है
कुछ तो है इन हवाओ में खास
ये अक्सर दिला जाती है
 तेरे होने का एहसास
जब भी तू नही होती है मेरे पास
आज भी स्कूल से गुजरता हूँ
 तो खिडकी से तेरी आवाज आती है
गुलाबी डुपट्टे में तू और तेरी उडती 
जुल्फो की तस्वीर सामने आती है।
तेरी बेबाक हँसी 
हमे आज भी रूलाती है
तू आज भी ख्बावो में आती है।...
......#जलज_कुमार #बारिश_२
जब जब बारिश की बूँदे 
पत्तियो से गिरती है
तेरी आँखो के आँसू याद आते है
भीग कर हम ,
इनमे अक्सर सब भूल जाते है
कुछ तो है इन हवाओ में खास
ये अक्सर दिला जाती है
 तेरे होने का एहसास
जब भी तू नही होती है मेरे पास
आज भी स्कूल से गुजरता हूँ
 तो खिडकी से तेरी आवाज आती है
गुलाबी डुपट्टे में तू और तेरी उडती 
जुल्फो की तस्वीर सामने आती है।
तेरी बेबाक हँसी 
हमे आज भी रूलाती है
तू आज भी ख्बावो में आती है।...
......#जलज_कुमार #बारिश_२