हर ख़्वाब की सिर्फ एक ही ताबीर बनाता । तेरी कैद में रहता,तुझको जंजीर बनाता । खुदा के लिक्खें ने हाथ काट दिए मेरे । मैं कलम उठाता,तो हमसफ़र में तेरी तस्वीर बनाता । azeem khan # मैं कलम उठाता तो #