घूंघट में चाँद जलभर गगरी लाती प्रातः ठुमक ठुमक चल बांद मुख को ओढनी से ढकती है वो देखो घूंघट में चांद बांद - गढ़वाली मूल का शब्द इसका अर्थ. सुंदर स्त्री से होता है शृंगार रस की चाशनी भीगा चांद का यह दृश्य आपको पसंद आएगा . #nojoto #nojotohindi #nojotoofficial #bestOFnojoto #kalamse #shayari