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मन मस्तिक दिमाग़ सब तेरे वास्ते है यहाँ पर, जीना भ

मन मस्तिक दिमाग़ सब तेरे वास्ते है यहाँ पर, 
जीना भी क्या जीना है अलग अलग होकर राह पर !
उन परिंदो कि परवाह न  कर अपनी मुकाम पर, 
सभी इबादत  खोपनाक  ठण्ड कि इस विकराल पर !!

तेरी इन्ही आदायों  से एक रुझान सी हो गयी है, 
प्यासा बादल नम धरती कुछ परेशान सी हो गई है !
वर्षो हो गई उसको देखे  एक अंजान सी  हो गई है, 
टूट टूट कर निकले दिल के तोते जब पहचान सी हो गई है !!

-kavirA #love😘😘😘 Azmat Ansari रोहित तिवारी  Aaisha rana रूहदार Soulful Words
मन मस्तिक दिमाग़ सब तेरे वास्ते है यहाँ पर, 
जीना भी क्या जीना है अलग अलग होकर राह पर !
उन परिंदो कि परवाह न  कर अपनी मुकाम पर, 
सभी इबादत  खोपनाक  ठण्ड कि इस विकराल पर !!

तेरी इन्ही आदायों  से एक रुझान सी हो गयी है, 
प्यासा बादल नम धरती कुछ परेशान सी हो गई है !
वर्षो हो गई उसको देखे  एक अंजान सी  हो गई है, 
टूट टूट कर निकले दिल के तोते जब पहचान सी हो गई है !!

-kavirA #love😘😘😘 Azmat Ansari रोहित तिवारी  Aaisha rana रूहदार Soulful Words