हम क्या बनने आये थे क्या बन बैठे कहीं मंदिर तो कहीं मस्ज़िद बना बैठे हमसे तो अच्छे परिंदे हैं जो कभी मंदिर तो कभी मस्ज़िद जा बैठे #nojotokavishala