मेरे गुस्से पर पलटकर गुस्सा दिखाया है नाराज होने पर, बराबर तब्दीलो को गिनाया है न आज समझते हो और आगे भी क्या समझ पाओगे मेरी नाराजगी,मेरी जरूरतों पर कभी गोर ही नही फरमाया है ©Neha Bhargava (karishma) #बातें