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Dear Corona Warriors मरीजों पे जान निसार किए

Dear Corona Warriors   

मरीजों पे जान निसार किए
 बखूबी फर्ज निभाया है,
तब जाके कहीं वो सब से
ये भगवान नाम पाया है...

वो इंसान नही भगवान है जो
काम में दिन ना रात देखें,
चाहे कितनी भी महामारी आए
वो आंधी ना बरसात देखें।

वर्दी सफेद पहनता है जो
उस वर्दी का वो मान रखे,
चाहे कोई भी आफत आए
हथेली पे अपनी जान रखे।

वो घर अपना है छोड़ आते
आंधियों से भी है लड़ जाते
उसकी भी है कुछ तो ख्वाहिशें...
वो अपनों से है बिछड़ जाते 
मरीजों से भी है जुड़ जाते
उसकी भी है कुछ तो बंदिशें...

वतन को जरूरत है जिसकी
वो रात भर ना सो पाया,
आंसू भी निकलते है उसके 
पर खोल के दिल ना रो पाया।

वो निभा रहा है फर्ज अपना
चाहे बदन पे उसके जख्म लगे
दिल में हो चाहे कितने भी ग़म
मरीज को वो मरहम लगे।

वो घर अपना है छोड़ आते
आंधियों से भी है लड़ जाते
उसकी भी है कुछ तो ख्वाहिशें...
वो अपनों से है बिछड़ जाते 
मरीजों से भी है जुड़ जाते
उसकी भी है कुछ तो बंदिशें...

उस वतन को कोई फ़िकर है क्या
अच्छे से जिसका खयाल रखे
देकर ऐसे बच्चे को जनम
भला दिल में कौन मलाल रखे।

किया था कभी पैदा उसे जो
खुश वो हमेशा माँ रहे,
जिस तारे से हुआ रोशन वो
चमकता सदा आसमां रहे।

वो घर अपना है छोड़ आते
आंधियों से भी है लड़ जाते
उसकी भी है कुछ तो ख्वाहिशें...
वो अपनों से है बिछड़ जाते 
मरीजों से भी है जुड़ जाते
उसकी भी है कुछ तो बंदिशें...

©Farhana #corona#CoronaWarrior#Nojotohindi#poem#covid#NojotoWriter

#IndiaFightsCorona
Dear Corona Warriors   

मरीजों पे जान निसार किए
 बखूबी फर्ज निभाया है,
तब जाके कहीं वो सब से
ये भगवान नाम पाया है...

वो इंसान नही भगवान है जो
काम में दिन ना रात देखें,
चाहे कितनी भी महामारी आए
वो आंधी ना बरसात देखें।

वर्दी सफेद पहनता है जो
उस वर्दी का वो मान रखे,
चाहे कोई भी आफत आए
हथेली पे अपनी जान रखे।

वो घर अपना है छोड़ आते
आंधियों से भी है लड़ जाते
उसकी भी है कुछ तो ख्वाहिशें...
वो अपनों से है बिछड़ जाते 
मरीजों से भी है जुड़ जाते
उसकी भी है कुछ तो बंदिशें...

वतन को जरूरत है जिसकी
वो रात भर ना सो पाया,
आंसू भी निकलते है उसके 
पर खोल के दिल ना रो पाया।

वो निभा रहा है फर्ज अपना
चाहे बदन पे उसके जख्म लगे
दिल में हो चाहे कितने भी ग़म
मरीज को वो मरहम लगे।

वो घर अपना है छोड़ आते
आंधियों से भी है लड़ जाते
उसकी भी है कुछ तो ख्वाहिशें...
वो अपनों से है बिछड़ जाते 
मरीजों से भी है जुड़ जाते
उसकी भी है कुछ तो बंदिशें...

उस वतन को कोई फ़िकर है क्या
अच्छे से जिसका खयाल रखे
देकर ऐसे बच्चे को जनम
भला दिल में कौन मलाल रखे।

किया था कभी पैदा उसे जो
खुश वो हमेशा माँ रहे,
जिस तारे से हुआ रोशन वो
चमकता सदा आसमां रहे।

वो घर अपना है छोड़ आते
आंधियों से भी है लड़ जाते
उसकी भी है कुछ तो ख्वाहिशें...
वो अपनों से है बिछड़ जाते 
मरीजों से भी है जुड़ जाते
उसकी भी है कुछ तो बंदिशें...

©Farhana #corona#CoronaWarrior#Nojotohindi#poem#covid#NojotoWriter

#IndiaFightsCorona