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India quotes लिख लिया ललाट पर,इंकलाब जिंदाबाद का

India quotes  
लिख लिया ललाट पर,इंकलाब जिंदाबाद का नारा।
आबाद रहेगा वतन मेरा,भारत माँ से करते हैं वादा।

पँछी यहाँ आज़ाद नभ पर,स्वतंत्र होकर उड़ते रहेंगे,
उम्मीदों की नई किरणों से,नव भारत हम रचते रहेंगे।।

नयनों में उन्नति के सपनें लेकरआकाश में बाज सा उड़ते रहेंगे,
सुसंस्कृति विराट विरासत को,सभी दिलों में हम संजोए रखेंगे।

हिंसा से नहीं मिल सकती,सुख शांतिपूर्ण आज़ादी,
मानवता का ह्यस होगा,धन अर्थ की होगी बर्बादी।।

घर-घर से निकल रहा,वंदे मातरम का नारा,
मेरे वतन की हवा भी,फैलाती है भाईचारा।।

जब भी किसी ने संकट में,भारत माँ को पुकारा,
द्वेष राग तज कर उसका,बना एकमात्र सहारा।

गले लगा फिर दिया धोका,उसको भी अपनाया,
नम धैर्य का बांध टूटा तो, सख्त रूख अपनाया।

ये बड़े दिल वालों की बस्ती,मेरा वतन की सौंधी मिट्टी।
जिसे इसकी महक भा जाती,उसकी रूह यहीं बस जाती।

हम करते आदर सत्कार यहाँ,हमारी सनातन धर्म संस्कृति हैं।
सम्पूर्ण विश्व में है नाम हमारा,सभी राष्ट्रों की हमें स्वीकृति हैं।।
✍️लिकेश ठाकुर लिख लिया ललाट पर,
इंकलाब जिंदाबाद का नारा।
आबाद रहेगा वतन मेरा,
भारत माँ से करते हैं वादा।

पँछी यहाँ आज़ाद नभ पर,
स्वतंत्र होकर उड़ते रहेंगे,
उम्मीदों की नई किरणों से,
India quotes  
लिख लिया ललाट पर,इंकलाब जिंदाबाद का नारा।
आबाद रहेगा वतन मेरा,भारत माँ से करते हैं वादा।

पँछी यहाँ आज़ाद नभ पर,स्वतंत्र होकर उड़ते रहेंगे,
उम्मीदों की नई किरणों से,नव भारत हम रचते रहेंगे।।

नयनों में उन्नति के सपनें लेकरआकाश में बाज सा उड़ते रहेंगे,
सुसंस्कृति विराट विरासत को,सभी दिलों में हम संजोए रखेंगे।

हिंसा से नहीं मिल सकती,सुख शांतिपूर्ण आज़ादी,
मानवता का ह्यस होगा,धन अर्थ की होगी बर्बादी।।

घर-घर से निकल रहा,वंदे मातरम का नारा,
मेरे वतन की हवा भी,फैलाती है भाईचारा।।

जब भी किसी ने संकट में,भारत माँ को पुकारा,
द्वेष राग तज कर उसका,बना एकमात्र सहारा।

गले लगा फिर दिया धोका,उसको भी अपनाया,
नम धैर्य का बांध टूटा तो, सख्त रूख अपनाया।

ये बड़े दिल वालों की बस्ती,मेरा वतन की सौंधी मिट्टी।
जिसे इसकी महक भा जाती,उसकी रूह यहीं बस जाती।

हम करते आदर सत्कार यहाँ,हमारी सनातन धर्म संस्कृति हैं।
सम्पूर्ण विश्व में है नाम हमारा,सभी राष्ट्रों की हमें स्वीकृति हैं।।
✍️लिकेश ठाकुर लिख लिया ललाट पर,
इंकलाब जिंदाबाद का नारा।
आबाद रहेगा वतन मेरा,
भारत माँ से करते हैं वादा।

पँछी यहाँ आज़ाद नभ पर,
स्वतंत्र होकर उड़ते रहेंगे,
उम्मीदों की नई किरणों से,

लिख लिया ललाट पर, इंकलाब जिंदाबाद का नारा। आबाद रहेगा वतन मेरा, भारत माँ से करते हैं वादा। पँछी यहाँ आज़ाद नभ पर, स्वतंत्र होकर उड़ते रहेंगे, उम्मीदों की नई किरणों से, #कविता