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अाज सोचा कि चलो समाज बदला जाये पर फिर सोचा शाम तू

अाज सोचा कि चलो समाज बदला जाये पर फिर सोचा शाम तू तो अकेला है क्या करेगा 
अन्दर से आबाज आयी अकेला है तो क्या हुआ दम तो हजारों का रखता है abbaj
अाज सोचा कि चलो समाज बदला जाये पर फिर सोचा शाम तू तो अकेला है क्या करेगा 
अन्दर से आबाज आयी अकेला है तो क्या हुआ दम तो हजारों का रखता है abbaj
shamsingh3152

Sham jaryal

New Creator

abbaj