सहवत परस्ती देख कर , फिर रूह काँपी है..... कि, एक नन्ही सी तितली, फिर उड़ानें छोड़ आई है... था हर कोई चीखों से उसकी, बेखबर उस दिन... अब खामोश है वो जब, तब जनता सड़कों पर आई है..... ......... श्राँगी मिश्रा..... R.I.P. Asifa सहवत परस्ती=Animalism #justiceforasifa ,#nojoto