धर्म-मजहब से परे एक अलग ही मैं "वर्ण", कि इस कलयुग में शायद मैं "कर्ण" हूँ.. न ही हूँ सूर्यवंशी, न ही कोई गुरू "परशुराम" है, धर्म और कर्म है कर्ण से, तो शायद मैं "कर्ण" हूँ.. युद्ध है द्वन्द है, सब खुद के ही संग है, जीत में "हार" और हार में "जीत" है, ये कैसा मैं कर्ण हूँ.. कर्म है मालूम मुझे ,धर्म बस यही मेरा, अंजान हूँ अधर्म से तो शायद मैं "कर्ण" हूँ.. युद्ध कर लूं "कान्हा" और "खुदा" से भी, एक "दोस्त" के खातिर, जानता हूँ बदले में मिलेगी मौत मुझे, तो शायद ..शायद हाँ शायद नहीं .. हाँ हाँ हाँ ...इसलिये .. मैं "कर्ण" हूँ.... #karna #mahabahrata #krishna #shivaki #love #friendship #nojotoapp #nojotoquotes #nojotohindi