मैं कहने ही वाला था, पर वो मजबूरियों के धागों ने सिल दी थी ज़ुबान समाज की बंदिशों ने गिराया अपना मकान साथ देने वाला न था कोई अपना परेशान दुनिया ने घायल किया दिल-ए-नादान!! #kehna#pareshaan#dil #adhuri_baat