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दिन कहीं साँझ कहीं, कहीं और रात करेंगे अब। जहाँ अट

दिन कहीं साँझ कहीं, कहीं और रात करेंगे अब।
जहाँ अटके थे वहीं से शुरुआत करेंगे अब।
उनसे कहिये सहेज कर रखे कानों को ,
क्यूंकि मिली तो खुलकर बात करेंगे अब।RG खुल कर बात करेंगे अब
दिन कहीं साँझ कहीं, कहीं और रात करेंगे अब।
जहाँ अटके थे वहीं से शुरुआत करेंगे अब।
उनसे कहिये सहेज कर रखे कानों को ,
क्यूंकि मिली तो खुलकर बात करेंगे अब।RG खुल कर बात करेंगे अब

खुल कर बात करेंगे अब