Safar पार्ट -2 अनाथा (विधवा) सबके वो ताने सहती सब से छुपकर वो रहती है। गलती से गर सुबह दिख जाए किसीको तो सबकी वो गाली सुनती है। न कोई रिश्ता उसका ,ना उसकी कोई सहेली होती है शुभ कामो से दूर रखते उसको सबको महनुस वो लगती है। पति के मर जाने पर उसे तो पलभर में जला आते है पर विधवा नारी का तिरस्कार कर हर रोज उसे जलाते हैं। ले आओ सति प्रथा को ले आओ सति प्रथा को तुम एक बार मे ही जल जाएगी जीवित रहकर रोज मरती है। एक बार में ही मर जाएगी। पार्ट-2 अनाथा #bolteshabddimika #story #poetry #stories #vidhva