पृथ्वी पृथ्वी लगाती एक लंबा सूर्य का चक्कर तब जाकर होता जनवरी से दिसंबर हम मनाते नया साल हैं सो जाते हो निढाल पृथ्वी को कहां आराम वो न बदलती कभी चाल सुबह से शाम के लिए घूमती है धुरी पर हमें दिलाती सुकून चांद तारे दिखा कर ।। #पृथ्वी#earth#dayandnight#seasons