सुबह-सुबह हवाओ में गुला हुआ कुछ बारूदी धुआ, आंगनो में बिखरे हुए कुछ रांगोली के रंग , मूनडेरो पर पड़े कुछ टूटे दीये , शतो पर पटाखो के उड़े हुए कुछ परख्चे, नुक्ड़ो पर लोग खेलते अपनी किस्मत का जुआ, यह सव ये बात बयना करते हैं, हिंदुस्तान में हर दिवाली पर, लोगो की मनसिकता का भी दिवाला निकलता है। ....दीपक कुमार.... दिवाला #विंग्य दिवाला