मन भर गया मेरा इस दुनिया से, मैं कहीं दूर जाना चाहता हूं। जहां झरनों का बहता पानी हो, पेड़ों की कतारों के बीच, अपने घर की कहानी हो। मैं निकलूं बाहर तो आसमा जमी से मिलने आया हो। एक रास्ता मेरे घर से सीधा पर्वतों पर जाया हो, धूप-छांव की रोशनी हो,पर पत्तों से भी बिछा राह हों, चंलू मैं जब उस पर तो, मेरे और पत्तों के सिवा कोई ओर किस्सा न हो, या तो जंगल का सन्नाटा हो या फिर पक्षियों की च्चाहटो के बीच मेरा बसाना हो पास में बहती नदी में कोई हंसों का जोड़ा नजर आता हो न उठू तो कोई मोर आवाज़ लगाता हो,ओर हो बारिश तो वह मेरे आंगन में पंख फैलाता हो दूर-दूर तक मैं खुद को खोजू , मैं खुद को ही जिंदगी का मतलब समझाता हो इस दुनिया से दूर, मैं अपनी इमैजिनेशन की दुनिया में जाना चाहता हूं। .....naresh...... #कहानी #कविता #शायरी #संगीत #विचार #कला #poems #shayeri