मेरी शैतानियों में से एक दीवाली की वो रात थी पड़ोसियों के दरवाजे बन्द और जागती हमारी शरारत करने की आस थी 😄😄😄 ना जाने उस रात हमने कितनी गालियां खाई थी जब अपने पड़ोसियों के दरवाज़े पर हमने बॉम्ब लगाई थी आधी रात तक सबकी निंदे अपने पटाखे कि आवाज़ से हराम करना और सुबह उठकर कहना ना जाने आधी रात को किन शैतानों की टोली आई थी पटाखों की आवाज़ से मै रात भर सो नहीं पाई थी। 😆😆😆😆🤣🤣🤣🤣 #Diwali #fun#😆😆😄😄😄 mera बचपन#धमाल