#भारत ! महसूस करना हो, जब भी, हिंदुकुश की सिहरन को, जिक्र, आंचल में उतरे, हर एक लहु का कर जाना। कह उठेगी, अब भी चिंगारी, क्रांति की बेदी हैं हम, ऐसे ही नहीं मिली आजादी। क्या हो गया ऐ हिंदुकुश वालों...? अपनी ही धरती से गद्दारी ख्वाब की उम्र में हम चढ़ गये थे फांसी और आजाद वतन भी तुमपे भारी। कैद में भी थे हम गिद्धों का भोजन, उबले रेत सा तपता जीवन, फिर भी जिगर था जयहिंद वाला, क्या जयचंद और क्या अंग्रेज। #भगतसिंह #राजगुरु #सुखदेव #शहीददिवस आज क्रांतिकारियों का दिन है जितना भी कहें कम है शत्शत्नमन वंदेमातर #daminiquote 🖋️⏳ #भारत ! महसूस करना हो, जब भी, हिंदुकुश की सिहरन को, जिक्र, आंचल में उतरे, हर एक लहु का कर जाना। कह उठेगी,