किस्मत देखो आज इक और गुनाह कर लिया पत्थर दिल हूँ ये इल्जाम अपने सर लिया अब आदत हो गईं है... के गुनाहगार कहां जाए अपनों के खातिर अपनों से ही मुकर लिया नंदसुत #nojoto #nojotopoetry #urdupoetry #love #nojotohindi #dilkibaat