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थक गयी हूँ , अच्छाई का रास्ता अपनाते अपनाते। जो इं

थक गयी हूँ , अच्छाई का रास्ता अपनाते अपनाते।
जो इंसान किसी को कुछ भी कड़वा ना बोलता हो वो अगर कभी कुछ थोड़ा सा बोल भी दे, तो लोग उसकी सारी अच्छाई को भुलाकर उस एक शब्द पर अटक जाते हैं। इससे अच्छा हैं किसी से कुछ बोलो ही ना।
थक गयी हूँ , अच्छाई का रास्ता अपनाते अपनाते।
जो इंसान किसी को कुछ भी कड़वा ना बोलता हो वो अगर कभी कुछ थोड़ा सा बोल भी दे, तो लोग उसकी सारी अच्छाई को भुलाकर उस एक शब्द पर अटक जाते हैं। इससे अच्छा हैं किसी से कुछ बोलो ही ना।