एक ही जगह पर ना जाने कितने चेहरे है हर चेहरे के पीछे राज़ कुछ गेहरे है किसी का दिल तो किसी का सपना टुटा है कोई खुदसे तो कोई रब से रूठा है कोई खुद में गुम है तो कोई भीड़ में कोई अंधेरे में रोया है तो कोई भरी मेहफील मे हर चेहरा यहां एक अपनी ही कहानी केह रहा है जिंदगी की वो कहानी जिसका राज शायद बहोत गेहरा है #किताबें पढ़ना छोड़ चेहरे पढ़ना सीखा दिया पता ही ना चला वक़्त ने कब इतना बड़ा बना दिया#dpf