क़ोहरा °°°°°°°° है ग़मों का घनघोर क़ोहरा मेरे जीवन में छाया यूँ, हैं चारों दिशाएं धुंधली-सी, पसरा है धुआँ-सा क्यों...??? चल पड़ी हूँ शिशे-से ख़्वाब लेकर मैं अंधेरों में, कुछ भी न दिखे अब तो रौशनी मौन-सी हैं क्यों...??? चलूँ एक भी कदम जब भी तो भय से कांप उठती हूँ, सब तो हैं मेरे आस-पास फ़िर भी तन्हा-सा सफ़र क्यों...??? हाँ! अभी तो दूर है मंज़िल और डगर भी हैं ख़फा मुझसे, मसलन इनको "हृदय" कौन-सी वज़ह दूँ और भला क्यों...??? -रेखा "मंजुलाहृदय" ©Rekha💕Sharma "मंजुलाहृदय" #कोहरा #मंजुलाहृदय #गम #ज़िंदगी #ए_ज़िंदगी #Rekhasharma