रोज़ शाम जब मिलने तुम छत पर आती हो, होती है बात फ़ोन पर ही सही मगर दिल के करीब पाती हो, आते ही छत पर पहले मुझको फोन लगती हो, करती हो दुआ कलाम पहले, फिर मौसम कैसा है बतलाती हो, सितारों से भरा आसमान है या बदलो की घटा छायी है, दिल में तेरे प्यार वाली बजी शहनाई है, ठंडी ठंडी हवा संग एक दूजे को जादू की जफ्फी पाते है, चाँद को देखते है साथ में दूर होकर भी एकदूजे को करीब पाते है, करते है फिर कुछ बाते सांझी, जो दिन भर संजोयी होती है, कभी लड़ते भी है कभी झगड़ते भी है, कभी बात करते करते फोन काटते भी है, फिर बार बार फोन कर एक दूजे को मनाते भी है, पल भर की रुस्वाई खुले आसमां तले प्यार में बदल जाती है, टूटते तारे को देख एक दूजे के लिए दुआएं मांगी जाती है, प्यार भरी कुछ बाते करके जब घड़ी विदाई की आती है, दिल करता है खुले आसमां संग तेरे साथ रात बिताने को, फिर धीरे से जुबाँ पर ख़ामोशी छा जाती है, शुभ रात्री कह कर अगली शाम फिर से मिलने की आस लगाई जाती है।। #Terrance #challenge #hindi #night #evening #moon #stars #pyar #dil #mousam #छत #चाँद #सितारे #रात #मौसम #hindi #love #sky #Yqbaba #yqdidi #yq #yqpaaji #writer #writing #yourquotes