*किताब* किताब होती भविष्य का आधार ज्ञान का सागर छोड़े ना मझधार सुख दुख का सच्चा साथी जो ना छोड़ता उसको देती सुधार जब भी औरों ने रुलाया छोड़ा हाथ किताब ने निभाया सच्चा साथ पढ़कर मिलती शांति चेहरे पर अजब कांति पा साथ किताब का ना रहा कोई अनाथ जब से किताबों से प्यार हुआ कुसंगति बुरे विचार दूर जुआँ शिकायत नहीं जमाने से पा तेरा एहसास गम भी धुँआ खुश खुश मैं अब रहने लगी जैसे जगी घर के संबंध हुए बेहतर किताब से बढकर ना कोई सगी अलका जैन