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शहर %% @जन और जंतु के हित में जारी@ बात एक दम साफ़

शहर %%
@जन और जंतु के हित में जारी@

बात एक दम साफ़ 
no more plastic bags
Hashtag Use the paper Bags
जल  अगर साफ़  है
परियावारण से इन्साफ है।।
%%

sayed @जन और जंतु के हित में जारी@

एक इंसान आपने काम को आपने मुताबिक आसान करने के लिए हर वो काम कर रहा है जिसे अगर किसी को नुक्सान हो जाए तो उसे कोई फ़र्क नहीं पड़ता।
हम या मैं यहाँ इंसानियत की नहीं बल्कि उससे भी अजीब हरकत की या यूं कहिये की एक न बदलने वाली ऐसी अद्दत की जिससे इंसान से ज़्यादा जानवरों का नुक्सान हो रह है, इस अद्दत को बदला तो जा सकता है मगर शुरूआत नहीं की जा रही है.
आज कल  हर दुसरा इंसान पोलोथिन का इस्तेमाल कर रहा ब-वजूद माना करने के, इससे होने वाले नुक्सान का न उन्हें पता है न ही वो कोशिश कर रहा है

क्या आपको पता है जो प्लास्टिक बैग हमें बाज़ार से हमारे सामान के साथ मिलती है उनसे होने वाली गलत बातें क्या है?
आज हर छोटे बड़े बाज़ार में प्लास्टिक बैग का इस्तेमाल हो रहा है,
शहर %%
@जन और जंतु के हित में जारी@

बात एक दम साफ़ 
no more plastic bags
Hashtag Use the paper Bags
जल  अगर साफ़  है
परियावारण से इन्साफ है।।
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sayed @जन और जंतु के हित में जारी@

एक इंसान आपने काम को आपने मुताबिक आसान करने के लिए हर वो काम कर रहा है जिसे अगर किसी को नुक्सान हो जाए तो उसे कोई फ़र्क नहीं पड़ता।
हम या मैं यहाँ इंसानियत की नहीं बल्कि उससे भी अजीब हरकत की या यूं कहिये की एक न बदलने वाली ऐसी अद्दत की जिससे इंसान से ज़्यादा जानवरों का नुक्सान हो रह है, इस अद्दत को बदला तो जा सकता है मगर शुरूआत नहीं की जा रही है.
आज कल  हर दुसरा इंसान पोलोथिन का इस्तेमाल कर रहा ब-वजूद माना करने के, इससे होने वाले नुक्सान का न उन्हें पता है न ही वो कोशिश कर रहा है

क्या आपको पता है जो प्लास्टिक बैग हमें बाज़ार से हमारे सामान के साथ मिलती है उनसे होने वाली गलत बातें क्या है?
आज हर छोटे बड़े बाज़ार में प्लास्टिक बैग का इस्तेमाल हो रहा है,

@जन और जंतु के हित में जारी@ एक इंसान आपने काम को आपने मुताबिक आसान करने के लिए हर वो काम कर रहा है जिसे अगर किसी को नुक्सान हो जाए तो उसे कोई फ़र्क नहीं पड़ता। हम या मैं यहाँ इंसानियत की नहीं बल्कि उससे भी अजीब हरकत की या यूं कहिये की एक न बदलने वाली ऐसी अद्दत की जिससे इंसान से ज़्यादा जानवरों का नुक्सान हो रह है, इस अद्दत को बदला तो जा सकता है मगर शुरूआत नहीं की जा रही है. आज कल हर दुसरा इंसान पोलोथिन का इस्तेमाल कर रहा ब-वजूद माना करने के, इससे होने वाले नुक्सान का न उन्हें पता है न ही वो कोशिश कर रहा है क्या आपको पता है जो प्लास्टिक बैग हमें बाज़ार से हमारे सामान के साथ मिलती है उनसे होने वाली गलत बातें क्या है? आज हर छोटे बड़े बाज़ार में प्लास्टिक बैग का इस्तेमाल हो रहा है,