इस गुलाबी ठंड में, यह हल्की-हल्की बारिश कानों में सरगोशी करती है तेरे प्रेम का एहसास दिलाती है आंगन में बैठ जब हमने प्रेम गीत गुनगुनाए थे मिश्री से तेरे बोल दिल में मिठास भर गए थे हवा के झोंके सा तेरा बहकना समेट के पल्लू मुझमे सिमटना हाथों का कंपन सांसों का मेहकना धड़कनों की तेजी शर्म की फैली लाली याद आती है वह हर शाम मतवाली, आज इस गुलाबी ठंड में ये लरजती हुई बूंदे मेरे आस-पास तेरे होने का रूहानी एहसास दिलाती है औऱ वही सिरहन मेरी शर्मीली मुस्कान की वजह है मेरी जानां!! #gulabithand#गुलाबी ठंड #प्रेम#अहसास#दिल #nojotoapp#nojotohindi