हारना नहीं चट्टानें भी तेरे हौसलों से टकराकर टूट... जाएंगी उफनते सागर की लहरें भी तेरे लिए रस्ता बनाएंगी हवाएं खुद सफलता का नया पैगाम लाएंगी कर हिम्मत और बढ़ा कदम इरादा तो कर दुनिया जीतने का मुश्किलें खुद ब खुद तेरे लिए रास्ता बनाएंगी हारना नहीं है तुझे लड़ना है अंतिम सांस तक साथ ईश्वर है तेरे खुद पे तू विश्वास रख हारते वह हैं जो कमजोर होते हैं क्या पंछी टकराकर पहाड़ों को तोड़ देते हैं मन में रख आशा कुछ कर गुजरने की अभिलाषा मान के हर मत बना विश्वास का तमाशा तू तब तक नहीं हारा जब तक हार मान नहीं लेता लड़ना है तब तक जब तक जमाना जीत तेरी मां नहीं लेता जब तक जमाना जीत तेरी मान नहीं लेता..... ©Mineshchauhan #Poetry #PoetInYou