सूनो, मैं फूल हूं कल कली था मैं आज ही खिला खिलते ही,सज गया बस डर है कि कल पतझड़ संग फिर मुरझाना है न जाने कितने पैरों के तले कुचले जाना है क्या कहूं, बस याद रखना मेरे न रहने पर तुम्हें ही ये किस्सा सभी को सुनाना है..... #फूलों_की_कहानी