रात के करीब एक बजे थे| उनका कॉल आया और उसने कहा, "दरवाजा खोलो ,मैं बाहर हूँ " मैं रजाई फैंक कर उछल पड़ी और तेज धड़कनों के शोर में मैंने कहा, "तुम कैसे आ गए ?" "तुम तो दो दिन बाद आने वाले थे?" "सरपराईज मेरी जान " ! "आकर दरवाजा खोलो तो " तेज कदमों से मैं सीढ़ियां उतरते हुए सोच रही थी कि उनके लिए जो सरपराईज मैंने सोचा था उसका क्या होगा!! मगर अब चुप रहने में ही भलाई थी। दरवाजा खोलते ही उनको सामने देखकर ऐसा लगा जैसे मुद्दत हो गई हो उनको देखे । गले लग कर मेरे माथे को चूमा और उन्होंने बैग फैंक मुझे गोद में उठा लिया । फिर से वही शिद्दत,वही खुमारी... मोहब्बत का मानों सैलाब उमड़ गया हो हम दोनों के दरम्यान!! और अचानक फोन की आवाज़ सुनाई दी। "उफ्फ ये फोन भी ना "! मैं झल्लाकर उठी । देखा तो उनका काॅल था ,मैंने कहा ,"मैंने अभी आपको सपने में देखा " "कब तक आओगे?" वो बोले," मेरा प्रोग्राम थोड़ा बदल गया है ,अगले हफ्ते तक आऊँगा " मैं मन मसोसकर रह गई,और वापिस सो गई, शायद........ हकीकत से ज्यादा खुबसूरत ख्वाब ही था !!! #Vo_Call #हकीकत #ख्वाब #nojotoquotesforall #nojotohindi #anshulathakur #storytelling #nojotowritersclub #feelings #dreams