करो नाथ, स्वीकार आज इस हृदय-कुसुम को करें और क्या भेंट राज राजेश्वर तुमको? सौरभ की है कमी,कहाँ पर उसको पावें? सुन्दरता है नहीं,कहाँ से वह भी लावें? नहीं आपके योग्य भेंट यह ध्रुव निश्चय है पर जैसी है आज वही सम्मुख सविनय है..! #सियाराम_शरण_गुप्त #जन्मजयंती #काव्य_कृति ✍️ #काव्य✍️🏻 #Ganpati bhagwan ki jai