निगाहें और नशा कौन कहता है आंखे कत्ल करती है और नशीली होती हैं। काम तो निगाहें करती हैं सहाब बिन बोतल की शराब रखती हैं। आंखे नहीं निगाहें ही मां, बहन, बीवी और बेटी की पहचान बता देती हैं।।