आँखें नींद को तरसें पर नींद ही न आये तो क्या कीजे ख़्वाब देखना है पर ख़्वाब ही रूठ जायें तो क्या कीजे किसी को दिल में बसाना है पर मोहब्बत ही न हो तो क्या कीजे विश्वास करना चाहे गर ये दिल पर विश्वास ही टूट जाये तो क्या कीजे जिस मोहब्बत की कोई मंज़िल ही नही उस राह पर ही जाना छोड़ दिया फिर भी मंजिल बुलाये तो क्या कीजे "ये दिल ही दिल की न माने तो क्या कीजे" #nojoto #writersofnojoto #story #hindiwriters #hindi #hindinojoto #hindipoetry #poetry #words