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जज्बात क्या ,ये कशिश भी पानी है। दिल क्या , ये जिस

जज्बात क्या ,ये कशिश भी पानी है।
दिल क्या , ये जिस्म भी फानी(mortal) है।।

मेरे मुक़ाबिल न हुआ वो दूसरी दफा।
उसका वजूद भी उर्यानी(nude) है।।

मैं हसरत में उसकी मिस्मार(demolished) हुआ,
उसकी कुछ बाकी, अभी निशानी है।

वाइज ने बहुत कहा तआ'कूब(Chase/Pursue) न कर
जो तेरा न हुआ, वो अब किसका जानी है।

©Shyarana Andaaz
  फानी है।

फानी है। #शायरी

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