भटक रहा था लेकर अल्फाज मैं यहां-वहां तूने मेरे लफ़्ज़ों को सही मुकाम अता किया...! फिर रहा था कब से गुमनाम मैं यहां वहां तूने मुझे मुकम्मल एक नाम अता किया...! अब किस तरह तेरा शुक्रिया अदा करूं मैं अपनी पहचान में मैंने बस तेरा नाम लिख दिया...! Happy anniversary nojoto ©maher singaniya मोहब्बत है मुझे तुझसे, कोई खेल नहीं.... #nojoto2020