उदासी है , तनहाई है दर्द है बेहताशा ख़ामोशी एक बार फ़िर मुझसे ना जानें क्यों हमदर्दी दिखाने अाई है। तू है तो दर्द भी लाचार है, हम भी कहां ज्यादा अब वक्त से परेशान हैं, बेचैन मन में भी एक गूंज सुनाई पड़ती है दर्द की धुंध छटने लगी है तेरे नाम ने दी है दरवाजे पर दस्तक तेरी मुहब्बत मुझसे आज फिर मिलने आई है। ......... शायद यही प्यार है💘 __Satyprabha💕 __My Life ✍ #love#life #thought#poem #Satyprakash Upadhyay 💕💕💕💕