जमाना कहा से लाऊ उस जमाने को जब परिवारों में प्यार मिलता था। पिता की बात पत्थर की लकीर। और भाई कांधे से कांधा मिलाकर चलता था। एक आवाज पर सब चले आते थे। और किसी का गिर जाएं छप्पर तो मिलकर उठाते थे। अब रिश्तेदारों में भी वो प्यार कहा मिलता है। चले जाएं किसी के घर वो चहरा कब खिलता है। जब टूट जाए किसी के हौसले तो आस बनाया करते थे। तू सबकुछ कर सकता है। विश्वास जगाया करते थे। ले लो धन दौलत पैसा सबकुछ लौटा दो उन परिवारों। उन पहले जैसी खुशियों को उन पहले जैसे विचारों को। sandip rohilla Roshani Thakur Tarani Nayak(disha Indian). Amita Tiwari🎤✍️🎸 Sakshi Thakur Pooja Udeshi deepti😊 ..SShikha.. Ishita Singh ....... madhvi ❣️ 🌹Adhoori Khwahish🌹 Yishu Tiwari 😜KARUNA_SUTHAR ❣️ℝ𝕠𝕪 𝕄𝕖𝕘𝕙𝕒❣️ indu singh Priya ☕❣️ कवि राहुल पाल Reena Chaudhary निdhi🖤 yashika Ramanji Beena Yuvraj Bhaskar 🖌️🔥 Sakshi Giri Anshika एक पथिक ...✍️ Yakshita Jain $@K$hî ©h@ûdh®¥ *Kanha* ki!i * Diwaniii* 💗 💗