सपना.. ख्याली दुनिया की है सैर आँख बंद होते शुरू हो जाती है कहते है लोग इसे सपना जिसमे मिल जाता कोई अपना इस सैर पर जब रूह भटकता दिल उसके साथ चल पड़ता नींद में है बंद आँखे मेरी तब राह रूह को दिल दिखलाता न जाने किस रास्ते चलते दोनों आँख खुलते कुछ याद न रहता धुँधली सी छाप उस सपने की उस फ़रिश्ते का चेहरा बनाता मुस्कान लाकर मेरे चेहरे पर ख़ुद ही ओझल हो जाता है इजाज़त दिल को बस साथ जाने की रूह के ग़र दिमाग को होती इजाज़त पूरी सैर याद कर आता याद हो जाती पूरी सैर तो वह फरिश्ता , इंसान बन जाता हक़ीक़त की इस दुनिया में सिर्फ नाम से ढूंढ लेती उसे पर अनपढ़ सा दिल ये मेरा ना लिख पाया नाम उसका इस खूबसूरत सैर की धुँधली झलक से है लगाव मुझे उन सपनो में रोज़ खोने से कोई भी मत रोको मुझे .. :- नर्गिस बानो हैदरअली कविता :- सपना poem on beautiful dreams #nojotohindi#nojotowodhindiquotestatic