इन आँखों के कारण ही, तुझे दिल ने अपनाया था, दिल ने भी यूँ अक्सर ही, आँखों को भिगाया था , जाने को तो मैं भी, चला जाता ज़माने से पर, उस ऊँगली को कैसे भूल जाता,जिसने कभी चलना सिखाया था