रेलगाड़ियां नहीं होती सिर्फ एक साधन जो लोगों को ढोने का काम करती हैं , बल्कि ध्यान से देखे तो पता चलता है कि वे भावनाएं भी लिए होती है अपने अंदर। उसमे बैठ कर आ रहा होता है एक फौजी जिसके इंतेज़ार में एक नवेली दुल्हन घर पर रो रही होती है। उसमे बैठकर आ रहा होता है एक मजबूर पिता जिसका पूरा परिवार सुख की रोटी खाने का उम्मीद लगाए हुए है। उसमे बैठा होता है एक मां का लाल , जिसकी माता इस इंतजार में रहती है की बेटे के आने पे उसके गिरवी गहने लाला वापस करेगा। उसमे बैठकर जा रहा है एक मासूम बच्चा पैसे कमाने , जिसे पैसे का भाव भी नहीं मालूम क्यूंकि उसकी बड़ी बहन अभी तक पैसे की वजह से कुंवारी बैठी है। #onlinepoetry. #nojoto