झूठी महोब्बत को झूठी ही रहने दो सच्ची इबादत तुम्हे रास नही आती, नज़र उठा ही लेते हो हर सुंदर लड़की देख कर तुम्हारी बेबफा आँख आदत से बाज़ नही आती, तेरी महोब्बत में हर दिन मर रही हूँ कलम चलती है बस वर्ना इस ज़िंदा लाश से कोई आवाज नही आती,