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शकील बदायुनी की कलम से- ऐ मोहब्बत तिरे अंजाम पे रो

 शकील बदायुनी की कलम से-
ऐ मोहब्बत तिरे अंजाम पे रोना आया 
जाने क्यूँ आज तिरे नाम पे रोना आया 
यूँ तो हर शाम उम्मीदों में गुज़र जाती है 
आज कुछ बात है जो शाम पे रोना आया 
#ShakeelBadauni #KalamSe
 शकील बदायुनी की कलम से-
ऐ मोहब्बत तिरे अंजाम पे रोना आया 
जाने क्यूँ आज तिरे नाम पे रोना आया 
यूँ तो हर शाम उम्मीदों में गुज़र जाती है 
आज कुछ बात है जो शाम पे रोना आया 
#ShakeelBadauni #KalamSe

शकील बदायुनी की कलम से- ऐ मोहब्बत तिरे अंजाम पे रोना आया जाने क्यूँ आज तिरे नाम पे रोना आया यूँ तो हर शाम उम्मीदों में गुज़र जाती है आज कुछ बात है जो शाम पे रोना आया #ShakeelBadauni #Kalamse