बस जिंदगी भर रोना ही तो है बचपन में बचपन का रोना जवानी में कागज़ो,नौकरी बहुत कुछ के लिए रोना ,बुढ़ापे में बीमारियों के लिए रोना,और हमारे जाने के बाद घर वालों का रोना ,