प्रेम में विदा करते वक़्त सिर्फ गले मिलकर रोना शामिल नही. प्रेम की पराकाष्ठा में बस इतना कह देना काफ़ी है कि 'मैं तुम्हारा इंतज़ार करूंगी.' जल्दी आना...! ©neerajthepoet प्रेम में विदा करते वक़्त सिर्फ गले मिलकर रोना शामिल नही. प्रेम की पराकाष्ठा में बस इतना कह देना काफ़ी है कि 'मैं तुम्हारा इंतज़ार करूंगी.' जल्दी आना...!