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#OpenPoetry दुर हो जाओ अब मत दिखना मेरी गलियों म

#OpenPoetry   दुर हो जाओ अब
मत दिखना मेरी गलियों में
उन गलियों में 
जहां मै रहा करता हूँ 
खौफ बढ गई है 
उन छोटी सी जज्बातों में
जहां तुम रहा करती थी। 
दुर हो जाओ अब 
मेरी उन सभी निगाहों से
जहाँ मेरा मन 
तुमको महसूस करता था 
बदबू बढ गई है 
उन छोटी सी मन मे
जहां तुम आग लगा 
छोड़ चली। 
दुर हो जाओ अब 
खुब गुमराह कर गई 
वो बातें किसी आशिक के
नाम कर गई
तोड दी इस नाजुक सी मन को
अब पराई बन चली। 
दुर हो जाओ अब 
अब ये पत्थर दिल बन चला
अब मत आना मेरे राह में 
इश्क-ऐ-दिल आग का दरिया 
बन जाओगी 
मत आना मेरी बाहों मे
भस्म राख बन जाओगी 
मत आना इन झुठे वादा लेकर 
बर्बाद आशिक कहलाओगी 
मत आना अब तुम इस जहां मे 
चुभन-ए-इश्क चुभ जाएगी। 
दुर हो जाओ अब 
वक्त बदल गया है 
मेहफिल जो हम और तुम नाम का होता था
वो बस हम बन गया है। Title:- " दूर हो जाओ अब "
Written By:- कुमार सत्यव्रत
#love
#OpenPoetry   दुर हो जाओ अब
मत दिखना मेरी गलियों में
उन गलियों में 
जहां मै रहा करता हूँ 
खौफ बढ गई है 
उन छोटी सी जज्बातों में
जहां तुम रहा करती थी। 
दुर हो जाओ अब 
मेरी उन सभी निगाहों से
जहाँ मेरा मन 
तुमको महसूस करता था 
बदबू बढ गई है 
उन छोटी सी मन मे
जहां तुम आग लगा 
छोड़ चली। 
दुर हो जाओ अब 
खुब गुमराह कर गई 
वो बातें किसी आशिक के
नाम कर गई
तोड दी इस नाजुक सी मन को
अब पराई बन चली। 
दुर हो जाओ अब 
अब ये पत्थर दिल बन चला
अब मत आना मेरे राह में 
इश्क-ऐ-दिल आग का दरिया 
बन जाओगी 
मत आना मेरी बाहों मे
भस्म राख बन जाओगी 
मत आना इन झुठे वादा लेकर 
बर्बाद आशिक कहलाओगी 
मत आना अब तुम इस जहां मे 
चुभन-ए-इश्क चुभ जाएगी। 
दुर हो जाओ अब 
वक्त बदल गया है 
मेहफिल जो हम और तुम नाम का होता था
वो बस हम बन गया है। Title:- " दूर हो जाओ अब "
Written By:- कुमार सत्यव्रत
#love

Title:- " दूर हो जाओ अब " Written By:- कुमार सत्यव्रत #Love #OpenPoetry