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चार दिवारी में बंद है, जिन्दगियाँ, देखा

चार     दिवारी   में   बंद   है,  जिन्दगियाँ,
देखा अपने  ही  घर   मे  कैद  होते  हुए।
इतनी   भीड़ में अकेलेपन  से मरते है यहाँ,
देखा  एक  शाम   शहर  से   गुजरते  हुए।। #MeraShehar
चार     दिवारी   में   बंद   है,  जिन्दगियाँ,
देखा अपने  ही  घर   मे  कैद  होते  हुए।
इतनी   भीड़ में अकेलेपन  से मरते है यहाँ,
देखा  एक  शाम   शहर  से   गुजरते  हुए।। #MeraShehar