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स्वयं के प्रति संतोष दूसरे के प्रति दया इन्हीं दो

स्वयं के प्रति संतोष दूसरे के प्रति दया इन्हीं दो पंखों से जीवन के आकाश को छु सकते हैं हम..|| Megha Saraswat Harshul Pandey Vnaso Ell Yash Gaur
स्वयं के प्रति संतोष दूसरे के प्रति दया इन्हीं दो पंखों से जीवन के आकाश को छु सकते हैं हम..|| Megha Saraswat Harshul Pandey Vnaso Ell Yash Gaur