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वक़्त का रुख मैं जान लेता हूँ, किसी गिरते को थाम ले

वक़्त का रुख मैं जान लेता हूँ,
किसी गिरते को थाम लेता हूँ,
ख़ुद को महफूज़ बहुत पाता हूँ
माँ का आँचल जब थाम लेता हूं,
मंज़िलें दूर नहीं मेरा रहबर है ख़ुदा
मैं तो बन्दा हूँ उसका ही नाम लेता हूँ,
रौशनी बांटता हूँ सबको फुटकर में,
तीरगी उन सबसे तमाम लेता हूँ,
इश्क़ की तिश्नगी 'शिवम' लब पर
मरना आसान मान लेता हूँ।।

©Shivam_Mishra "ज़िन्दगी"

वक़्त का रुख मैं जान लेता हूँ,
किसी गिरते को थाम लेता हूँ,
ख़ुद को महफूज़ बहुत पाता हूँ
माँ का आँचल जब थाम लेता हूं,
मंज़िलें दूर नहीं मेरा रहबर है ख़ुदा
मैं तो बन्दा हूँ उसका ही नाम लेता हूँ,
वक़्त का रुख मैं जान लेता हूँ,
किसी गिरते को थाम लेता हूँ,
ख़ुद को महफूज़ बहुत पाता हूँ
माँ का आँचल जब थाम लेता हूं,
मंज़िलें दूर नहीं मेरा रहबर है ख़ुदा
मैं तो बन्दा हूँ उसका ही नाम लेता हूँ,
रौशनी बांटता हूँ सबको फुटकर में,
तीरगी उन सबसे तमाम लेता हूँ,
इश्क़ की तिश्नगी 'शिवम' लब पर
मरना आसान मान लेता हूँ।।

©Shivam_Mishra "ज़िन्दगी"

वक़्त का रुख मैं जान लेता हूँ,
किसी गिरते को थाम लेता हूँ,
ख़ुद को महफूज़ बहुत पाता हूँ
माँ का आँचल जब थाम लेता हूं,
मंज़िलें दूर नहीं मेरा रहबर है ख़ुदा
मैं तो बन्दा हूँ उसका ही नाम लेता हूँ,

"ज़िन्दगी" वक़्त का रुख मैं जान लेता हूँ, किसी गिरते को थाम लेता हूँ, ख़ुद को महफूज़ बहुत पाता हूँ माँ का आँचल जब थाम लेता हूं, मंज़िलें दूर नहीं मेरा रहबर है ख़ुदा मैं तो बन्दा हूँ उसका ही नाम लेता हूँ, #Poetry #ghazal #poem #kavishala #Shayari #nojotohindi #nojotourdu #jivan