Written by Harshita ✍️✍️ #Jazzbaat बचपन की देहलीज क्या बताऊं दोस्तो क्या कमाल करती है, आसमां का एक टुकड़ा आम पापड़ की तरह बस्ते में रख लिया, बोझ तले उंगलियां डाली,बाली उमर की बातें निराली नज़रे झुका कर थोड़ा मटका कर नज़रे चुराकर चार दिन में दुनियां का भाव पता लगे जा बस्ते की फटी पुरानी यादों से भरी भारी जेब पर हस्ते चहरे दिखे। फ़टी जेब सी जिंदगी सिक्कों से हैं दिन, टपका फिर आज इक फिर से बैठ के गिन गिन रहे थे बचपन के किस्से कहानियों में, सुनते सन्नाटे में खुद की आवाजे निकलने लगीं अब रिश्तों अब मतलब के तराज़ू में तुलते देखा।खिलवाड़ नहीं था एहसास वहीं था फ़िरदौस सी ज़िन्दगी का हिसाब मांग बैठे थे। #Emotions #Nojoto #childhood #Deepthoughts #Feelings Written by Harshita ✍️✍️ #Jazzbaat बचपन की देहलीज क्या बताऊं दोस्तो क्या कमाल करती है, आसमां का एक टुकड़ा आम पापड़ की तरह